Thoughts about life -
The secret of life is honesty and fair dealing. If you can fake that, you've got it made.
---- Groucho Marx (1890-1977)
स्टेला सिधे घरके बाहर निकल गई और कारमें बैठकर उसने कारका दरवाजा जोरसे अंदर खिंचकर बंद किया और कार शुरु की. सुझान घरके खुले दरवाजेमें खडी होकर आश्चर्यसे उसकी तरफ देख रही थी.
'' स्टेला..'' सुझानने आवाज दिया.
लेकिन यातो स्टेलाको सुनाई नही दिया होगा या वह सुननेके मनस्थितीमें नही थी. उसने कार गेटके बाहर निकालकर पुरे गतिसे रास्तेपर दौडाई. यह सब क्या मामला है यह सुझान समझ पाती उसके पहलेही स्टेला जा चूकी थी. सुझानने दरवाजेमें खडे होकर थोडी देर सोचा और कुछ नतिजेपर पहूंचकर, कुछ फैसला लेकर वह घरके अंदर वापस चली गई.
घरमें वापस आतेही सुझानने कोनेमें रखे फोनपर कब्जा किया. वह रिसीव्हर कानको लगाकर एक फोन नंबर डायल करने लगी. उतनेमें अंदरसे डॅनियल वहां आ गया.
'' क्या हूवा हनी?'' डॅनियलने उसका उखडा हूवा चेहरा देखकर पुछा.
उसने उसे कुछ जवाब नही दिया. सुझानका शायद फोन लग गया होगा क्योंकी वह माऊथपीसमें बोली,
"' क्या मै मि. ब्रॅटसे बात कर सकती हूं ?''
'' हनी ... मुझे कुछ मालूमभी होगा ?... की इस घरमें क्या चल रहा है ... सबलोग कैसे अजिब तरहसे बरताव कर रहे है ..'' डॅनियलने वह कुछभी जवाब नही दे रही है यह देखकर चिढते हूए कहा.
सुझानने उसे इशारेसेही शांत रहनेके लिए कहा.
पुलिस स्टेशनमें लगातार फोनकी घंटी बज रही थी. काफी समयतक घंटी बजनेके बाद एक सुस्ताया हूवा पुलिस कर्मचारी वहां आ गया और उसने फोन उठाया, '' हॅलो''
थोडीदेर फोनपर उधरकी व्यक्तीसे बात करनेके बाद फोन वैसेही खुला टेबलपर छोडकर वह किसीको बुलानेके लिए वह अंदर गया.
काफी समय बाद ब्रॅट अपनी धीमी सुस्ताई हूई चालसे वहां आगया और उसने फोन उठाया, '' हॅलो''
फोन किसका है यह मालूम होतेही मानो ब्रॅटके शरीरसे उत्साहसे भरी बिजली दौडने लगी. उधरसे सुझान बोल रही थी. उसने पहले काफी बार सुझानको उसके भाईके गायब होनेके संदर्भमें कोई जानकारी मिलनेके बाद तुरंत उसे फोन करनेके लिए कहा था. काफी समयतक दोनोंकी बातें चलती रही.
ब्रॅटने जब सुझानका फोन निचे रख दिया तब उसके चेहरेपर एक अजिब मुस्कुराहट दिख रही थी. और उसकी सब सुस्ती जाकर उसके शरीरमें चैतन्य दौडने लगा था. ब्रॅटने तुरंत वायरलेस फोनका कब्जा करते हूए पॅट्रोलींग कर रहे शहरके सारे पुलिससे संपर्क किया. उसे यकिन था की स्टेला अबभी शहरसे बाहर नही गई होगी. उसने वायरलेसपर पॅट्रोलींग कर रहे स्टाफ को स्टेलाका और उसकी गाडीका हुलिया बताकर वह मिलनेके बाद उसे तत्काल फोन करनेके लिए कहा.
ब्रॅटको जादा देर इंतजार नही करना पडा. थोडीही देर बाद एक पॅट्रोलींग कर रहे पुलिस स्टाफका फोन उसे आ गया,
'' सर आपने बताये हूए हुलेएकी एक औरत और एक गाडी हमें मिली है ''
'' गुड... उस गाडीका पिछा करो और मुझे उसके बारेमें लगातार जानकारी देते रहो '' ब्रॅटने निर्देश दिया.
'' यस .. सर '' उधरसे जवाब आया.
फिरसे ब्रॅटने उस पुलिस स्टाफको कुछ निर्देश और जानकारी देकर उसे बातकी गंभिरता समझा दी.
ब्रॅट निर्देश दे रहा था और उधरका पुलिस स्टाफ अदबके साथ बिच बिचमें बोल रहा था -
'' यस ... सर ''
'' राईट ... सर''
'' ओके ... सर''
आखिर सारे निर्देश देनेके बाद ब्रॅटने फोन रख दिया और तुरंत अपना सामान लेकर वह जल्दी जल्दी दरवाजेके बाहर निकल पडा.
क्रमश:
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The secret of life is honesty and fair dealing. If you can fake that, you've got it made.
---- Groucho Marx (1890-1977)
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