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Hindi fiction Book - Black Hole : CH-6 गिब्सनकी यात्रा

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Thought of the day -

Keep steadily before you the fact that all true success depends at last upon yourself.

----- Theodore T. Hunger


स्टेला अपने सोचकी दुनियासे जब बाहर आ गई तब उसके खयालमें आया की वह सामने जाकोबके पासवाले सीटपर कारमें बैठी हूई है और जाकोब कार चला रहा है. फिरसे उसका ध्यान उसके कलाईपर बंधे हूए चमकीले पत्थरकी तर्फ गया. इतना बडा पत्थर और इतना चमकिला इसका उसे आश्चर्य लग रहा था.

'' तुम्हे यह कहा मिला ?"'' आखिर वह अपने आपको रोक ना पाई और उसने उस पत्थरके बारेमें उससे पुछा. .जाकोबने ड्रायव्हींग करते हूए एक बार उसकी तरफ और फिर अपनी कलाईपर बंधे हूए पत्थरकी तरफ देखा.

'' तुम्हे ऐसे पत्थरोंकी काफी पहचान और लगाव दिखता है '' उसने कहा और फिरसे आगे रास्तेपर देखते हूए ड्रायव्हींग करने लगा.

'' गिब्सन... यह मुझे गिब्सनने दिया '' जाकोबने सामने देखते हूए आगे कहा.

स्टेलाने एक बार उसकी तरफ देखा और फिरसे उस पत्थरकी तरफ देखते हूए वह भूतकालमें खो गई...


... गिब्सनकी कार रास्तेपर तेजीसे दौड रही थी. कार चलाते हूए गिब्सनने चारो ओर एक नजर दौडाई. चारो तरफ सब हरे हरे खेत दिख रहे थे. इतेनेमें उसकी कार एक खेतकी बाजुसे गुजरने लगी जहा उंचे उंचे पेढ और उंची उंची घास उग चूकी थी. उस खेतमें बढे पेढ और घासके बिचमें एक पुरानी प्राचिन हवेली खडी थी. गिब्सनने अपनी कार रास्तेके किनारे लगाकर रोकी. वह हवेली और आसपासका इलाका देखकर मानो मंत्रमुग्ध हो गया था. वह अपने गाडीसे उतर गया और धीरे धीरे उस खेतकी तरफ बढने लग़ा, मानो कोई अज्ञात शक्ती उसे उस हवेलीकी तरफ खिंच रही हो.

उन खेतमें बढे पेढ और घासको लांघते हूए वह उस हवेलीकी तरफ जाने लगा. इतनेमें उसका ध्यान हवेलीसे सटकर काले पत्थरमें बने और काले पत्थरोसे घिरे हूए एक कुंएकी तरफ गया.

यह वहीतो कुंवा नही ?...

उसकी उत्सुकता बढने लगी. उत्सुकतावश वह उस कुंवेकी तरफ बढने लगा.

कुंवेके किनारे खडे होकर अब वह झुककर अंदर झांकने लगा. उसने बगलके पत्थरोके ढेरसे एक पत्थर उठाया और कुंवेमे उछाल दिया. कोई आवाज नही आई. उसने निचे कुंएके अंदर फिरसे गौरसे देखा. ना कुंवेका तल दिख रहा था ना पाणी, सिर्फ अवकाशकी तरह अमर्याद काला काला अंधेरा दिख रहा था.


क्रमश:...


Thought of the day -

Keep steadily before you the fact that all true success depends at last upon yourself.

----- Theodore T. Hunger


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