Inspirational thoughts-
We are all motivated by a keen desire for praise, and the better a man is, the more he is inspired to glory.
---Cicero
रातका वक्त था. सब तरफ अंधेरा ही अंधेरा फैला हूवा था. और ऐसे वक्त गिब्सन उस पुराने हवेलीके पास आकर पहूंचा. आसपास एकदम सन्नाटा था और आवाज आ रहा था वह सिर्फ 'किर्र .. किर्र ..' करते हूए झिंगुरोंका. गिब्सनने अपने टार्चकी रोशनी हवेलीके बगलमें जो कुंआ था उसपर डाली और धीरे धीरे मानो अपने होश हवास खोकर वह कुंएकी तरफ बढने लगा. कुंएके किनारेपर पहूंचतेही उसने उसके टॉर्चकी रोशनी कुंएमें डाली और अंदर झांककर देखने लगा.
कुंएके किनारेसे गिब्सन दो कदम पिछे हट गया और उसने अपने टॉर्चकी रोशनी आसपासके इलाकेपर डाली. इर्दगिर्द फैले घने अंधेरेमें हवेलीकी पुरानी दिवारें और आसपास बढ चूके घने पेढ औरही भयानक लग रहे थे. कुतोंका कही दूरसे आ रहा रोनेका स्वर इस भयानक वातावरणको औरही भयावह बना रहा था. कुंएके बगलमें जो पुरानी हवेली थी उस तरफ अब गिब्सनके कदम धीरे धीरे बढने लगे.
हवेली के अंदर गिब्सन चारो तरफ टार्चकी रोशनी डालते हूए बडी सावधानीसे एक एक कदम आगे बढा रहा था. इतनेमें उसके खयालमें आया की कुछ बडी कालीसी चिज उसपर हमला करनेकेलिए उसकी तरफ झपट पडी है . डरके मारे पिछे हटकर वह झटसे निचे झूक गया. बादमें उसके खयालमें आ गया की वह एक चमगादडोंका बडासा झुंड था. वह झुंड कुछ देरके लिए उसके सरके इर्दगिर्द मंडराता रहा और फिर कही दूर चला गया. गिब्सनने राहत की सांस ली.
हवेलीके अंदर दिवारोंपर लिओनार्दो दा व्हिन्सीके काफी पोर्ट्रेटस लगाए हूए थे. गिब्सनने उन पोस्टरोंको धीरेसे एक एक करके छुवा. इससे उसका लिओनार्दो दा व्हिन्सी और उनके आर्टके प्रति एक आदर, एक प्रेम झलक रहा था.
अचानक गिब्सनको हवेलीके बाहर किसीके उपस्थितीकी आहट होगई. गिब्सन एकदम स्थिर और स्तब्ध होकर फिरसे ध्यान लगाकर सुनने लगा. बाहर जोभी कोई होगा उसे वह दिखना नही चाहिए इसलिए उसने अपना टॉर्च बंद किया. वह जैसेही स्तब्ध और स्थिर हूवा, बाहेरका आवाजभी रुक गया. उसने अपने चेहरेपर आ रही लंबे घुंगराले बालकी लटें पिछे ली और अंधेरेमें झांककर देखा.
बाहर उसे एक साया हाथमें लालटेन लेकर उसकी तरफही आता दिखाई दिया.
कौन होगा वह साया ?...
उस भयानक वातावरणमें वह काला साया औरभी भयानक दिख रहा था.
गिब्सन जहांसे झांककर देख रहा था वही एक दिवारके पिछे छिप गया और बिच बिचमें झांककर बाहरके स्थितीका जायजा लेने लगा. उसे इस बातका आश्चर्य लग रहा था की वह जहां छिपा था, उस तरफ वह सायाभी आ रहा था.
जब वह साया गिब्सनके एकदम करीब आ गया, गिब्सनने बगलमेंही पडा हूवा एक लकडीका टूकडा उठाया. जैसे जैसे वह साया उसके नजदिक आता उसकी उस लकडीपर पकड और मजबूत हो जाती. वह साया उसकी पहूंचमें आतेही, एक पलकाभी समय ना गवांते हूए उसने उस लकडीके टूकडेसे उस सायेपर एक जबर प्रहार किया. वह साया निचे गिर गया और कराहने लगा.
आवाज तो पहचानका लग रहा है ...
गिब्सनने अपना टॉर्च चलाकर रोशनी उस सायेपर डाली. वह साया दुसरा तिसरा कोई ना होकर बगलकेही गांवका ब्रायन था. उम्रसे लगभग पैतिसके आसपास, काला रंग, चमकती हूई त्वचा और कसा हूवा शरीर ऐसा ब्रायन हुलिया था. उन दोनोंकी पहलेही उस नजदिकके बस्तीमें पहचान हो चूकी थी. उसने उसपर टॉर्चकी रोशनी डालतेही व डरके मारे अपने दोनो हाथसे अपने सरको ढंकते हूए चिल्लाने लगा, '' साहब ... मै ...मै ब्रायन हूं ... मै यहा आपके मददके लिए आया हूं ''
'' मददके लिए ? ... इतनी रात गए ?... और यह तरीका है ?'' गिब्सन चिढकर बोला.
ब्रायन अपना सर दोनो हाथसे पकडकर उठ गया. गिब्सनने उसके पास जाकर टॉर्चके रोशनीमें उसके सरपर पडे मारका जायजा लिया.
'' आय ऍम सो सॉरी.. सच कहूं तो... मुझे लगा..."' गिब्सन को बुरा लग रहा था.
'' मुझे आपको एक बात बतानी थी ...'' ब्रायन अब ठिकसे बैठते हूए बोला.
'' कौनसी ?'' गिब्सनने पुछा.
उठकर खडे होते हूए ब्रायनने उसके जेबसे एक टेनिसका बॉल निकाला और गिब्सनको दिखाया.
'' यह क्या है ?'' गिब्सनने पुछा.
'' यह वही बॉल है जिसके साथ वह लडके खेल रहे थे और खेलते खेलते ब्लॅकहोलमें गिरा था. ...'' ब्रायनने कहा.
'' तुम्हे कहा मिला ?'' गिब्सन बॉल अपने हाथमें लेते हूए, उसे गौरसे देखते हूए आश्चर्यसे बोला.
'' मेरे बेटेको मिला '' ब्रायनने कहा.
गिब्सनने उस बॉलको उपर निचे घुमाकर गौरसे देखा. उस बॉलपर एक जगह उसे काले रंगसे आदमीके खोपडीका चित्र निकाला हूवा दिखाई दिया.
क्रमश:...
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---Cicero
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आपकी नियमित पाठिका हूँ .आपका लेखन अत्यन्त रोचक है .साधुवाद
ReplyDeletemughe aapke har CH ka intjaar rahta hai.bahut hi rochak hai...
ReplyDeleteisi tarah likhte rahiye...
dhanyawad....
ami