बॅग वगैरा लेकर गिब्सन कामपर जानेके लिए निकला था. जाते जाते वह दारवाजेके पास रुका और पिछे मुडकर देखने लगा. स्टेलाभी किचनसे बाहर आकर उसके पास गई. उसके एकदम पास जाकर उसने उसका टाय ठिक किया. दोनोंभी एकदूसरेकी तरफ देखकर मुस्कुराए. गिब्सन बाहर कामपर जानेके पहले यह उसका रोजका ही नियम रहा होगा ऐसा लग रहा था.
'' खानेपर मत रुकना... कामसे वक्त मिलेगा या नही यह मै अभी नही बता पाऊंगा. '' गिब्सनने कहा.
उन्होने एक दूसरेको किस किया और गिब्सन कामपर जानेके लिए घरसे बाहर निकल गया.
गिब्सन बाहर जानेके बाद स्टेला जब अंदर पलटी तब उसके खयालमें आ गया की उसका पती एक फाईल भूल गया है, जो डायनिंग टेबलपर रखी हूई थी. उसने वह फाईल उठाई और वह घरके बाहर जल्दीसे निकल पडी. गिब्सनके पास जाकर वह फाईल अपने पिठ के पिछे छूपाकर खडी हो गई.
''तूम कुछ भूले तो नही ?'' स्टेलाने पुछा.
गिब्सन चलते हूए रुक गया और उसने हडबडाकर पिछे मुडकर देखा. उसने झटसे अपने पिठके पिछेसे वह फाईल निकालकर उसके सामने की. उसने अपने भूलक्कडपण को कोसते हूए मजाकमें अपने सर में एक चपटी मारी. स्टेला अब यूंही उस फाईलके पन्ने पलटने लगी. फाईल के पन्ने पलटते हूए उसे उसमें एक कुंवेका काला स्केच दिखाई दिया. तबतक गिब्सन उसके पास आया था. उसे रह रहकर उस स्केचमें कुछ गुढ होनेका अहसास हो रहा था.
'' यह क्या है ?'' उसने पुछा.
जब गिब्सनके ध्यानमें आया की वह उस कुंवेका स्केच देख रही है वह एकदमसे गंभिर हो गया. लेकिन जल्दीही अपने आपको संभालते हूए वह एकदम नॉर्मल होनेके प्रयासमें बोला, '' कुछ नही ''
काफी देरतक दोनोंमे एक अर्थपूर्ण स्तब्धता और सन्नाटा था.
स्टेला जान गई थी की यह कोई महत्वपुर्ण स्केच है जो की गिब्सन उसे बताना नही चाहता.
और गिब्सनकोभी उसके दिमागमें क्या चल रहा होगा इसका अंदाजा हो गया था.
गिब्सन चतूराईसे और सामने आगया, उसने वह फाईल उसके हाथसे खिंच ली और कहा, '' दो जल्दी दो... मुझे पहलेही देर हो रही है...''
वह कुछ बोलनेके पहलेही गिब्सनने उसके माथेका चूंबन लिया और वह झटसे मुडते हूए वहांसे चला गया.
स्टेला उसको जाता हूवा देखती रह गई.
गिब्सनने अपने गाडीमें बैठकर गाडी शुरु की. उसने कारके खिडकीसे हाथ बाहर निकालकर स्टेलाको ' बाय ' किया.
'' बाय हनी... टेक केअर '' स्टेला जबतक बोलती तबतक उसकी गाडी तेजीसे दौड पडी थी.
गिब्सनकी गाडी नजरोंसे ओझल होनेके बाद स्टेला वापस अपने घरकी तरफ मुडी. घरमें आकर उसने दरवाजा अंदरसे बंद कर लिया, लेकिन उसके चेहरेपर अबभी घोर चिंताके भाव दिख रहे थे.
क्रमश:..
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आपके ब्लॉग पर तो साहित्य का खजाना है, वह भी बिलकुल मुफत।
ReplyDeleteयकीन जानिए, मजा ही आ गया।