Hindi Suspense thriller Novel
दुसरे हाथसे खुनसे सना हाथ पकडते हूए जॉन उठकर खडा हो गया. .
.
.
.
.
.
.
.
.
.
ऐसा सोचकर वह कंपाऊंडके बाहर जानेके लिए मुडा. इतनेमें एक विचार उसके जहनमें कौध गया. वह एकदमसे रुक गया. मुडकर जल्दी जल्दी बंगलेके बाई तरफसे पिछेकी ओर जाने लगा.
क्रमश:...
No comments:
Post a Comment