Hindi Suspense thriller Novel
आधी रात बित चूकी थी. बाहर आकाशमें पूर्णीमा का चांद अपनी सफेद रोशनी सब तरफ फैला रहा था. बहते पाणी की मधूर आवाज और चांद का धूसर प्रकाश कॉटेजमें आ रहा था. .
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चांदके सफेद रोशनीमें , बहते पाणीके मधूर संगीतमें, एकदुसरेकी उत्कट भावनावोंको प्रतिसाद देते हूए उस अंधेरी रातमें वे अपने मधूर मिलनमें प्यारसे धीरे धीर रंग भरने लगे.
क्रमश:..
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