Hindi Suspense thriller Novel
चांदके धुंधले रोशनीमे टेरेसपर कमांड1 और कमांड2 बैठे हूए थे. उनके सामने लॅपटॉप रखा हूवा था. बिच बिचमें वे मजेसे व्हिस्कीके घूंट ले रहे थे. कमांड1 कॉम्प्यूटरको तेजीसे कमांड दे रहा था. एक पलमें न जाने कितने की बोर्डके बटन वह दबा रहा था.
'" यह तुम क्या कर रहे हो?" कमांड2ने उत्सुकतावश पुछा.
'' अरे यह पोलीस ऑफीसर जॉन अपने केसपर काम कर रहा है '' कमांड1 ने अपना की बोर्डके बटन दबाना जारी रखते हूए कहा.
"' तो फिर?'' कमांड2 ने पुछा.
'' उसके दिमागमें क्या पक रहा है यह हमें जानना नही चाहिए?'' कमांड1 ने कहा.
'" उसके दिमागमें क्या चल रहा है यह हमें कैसे पता चलेगा?'' कमांड2ने आश्चर्यसे पुछा.
'' इधर देख वह अब इंटरनेटपर ऑनलाईन है .. अब यह मेल मै उसको भेज रहा हूँ .... यह मेल उसका पासवर्ड ब्रेक करेगी'' कमांड1 बडे आत्मविश्वाससे कह रहा था.
'' पासवर्ड? लेकिन कैसे ?" कमांड2ने आश्चर्यसे पुछा.
'' बताता हू... बताता हू'' कमांड1 ने मेलका 'सेंड' बटन दबाया और आगे कहा,
'' देखो, यह मेल जब वह खोलेगा तब उसके कॉम्प्यूटरपर 'सेशन एक्सपायर्ड' ऐसा मेसेज आयेगा. फिर वह फिरसे जब अपना पासवर्ड एंटर करेगा तब वह अपने प्रोग्रॅम मे एंटर किया हूवा होगा. इस तरह यह अपना प्रोग्रॅम उसका पासवर्ड अपने पास बडी सुरक्षा के साथ पहूँचाएगा''
कमांड1के चेहरेपर एक अजीब मुस्कुराहट की छटा दिखाई देने लगी.
'' क्या दिमाग पाया बॉस...'' कमांड2 कॉम्प्यूटरकी तरफ देखते हूए अपना व्हिस्कीका ग्लास बगल में रखते हूए बोला.
'" धीरे धीरे तू भी यह सब सिख जाएगा'' कमांड1ने उसके पिठपर थपथपाते हूए कहा.
'' तेरे जैसा गुरू मिलनेके बाद मुझे चिंता करने की क्या जरुरत है ?" कमांड1 चढाते हूए कमांड2ने कहा.
कमांड1को जादा से जादा चढाने के चक्करमें कमांड2का बगलमें रखे व्हिस्कीके ग्लासको धक्का लगा और वह ग्लास निचे फर्शपर गिर गया. उसके टूकडे टूकडे होगए. कमांड2 ग्लासके टूकडे उठाने लगा.
कमांड1ने कॉम्प्यूटरपर काम करते हूए कांचके टूकडे उठा रहे कमांड2की तरफ देखा और फिरसे अपने काममें जूट गया.
" इऽऽ" कमांड2 चिल्लाया.
" क्या हूवा ?" कमांड1ने पुछा.
'' उंगली कट गया "" कमांड2की कांच के टूकडे उठाते हूए उंगली कट गई थी. कमांड2 अपना दर्द छिपाने का प्रयास करने लगा.
" बी ब्रेव्ह ... डोन्ट अॅक्ट लाइक अ किड " कमांड1 ने कहा और मॉनिटरकी तरफ देखते हूए फिरसे अपने काममें जूट गया.
कमांड2ने वैसेही खुनसे सने हाथसे कांचके बाकी टूकडे उठाए, वहाँ एक पॉलीथीन बॅग पडी हूई थी उसमें डाले और उस पॉलीथीनकी बॅगको गांठ मारकर वह बॅग मकान के पिछले हिस्सेमें झाडीमें फेंक दी.
उतनेमें कमांड1को एक मेल आई हूई दिखाई दी.
'' उसने अपनी मेल खोली है शायद... इसको तो अपना पासवर्ड ब्रेक करवाके लेनेकी बडी जल्दी दिख रही है '" बोलते हूए कमांड1ने मेल खोली. मेल ब्लँक थी. मेलमें पासवर्ड नही आया था. अचानक कमांड1ने विद्युत गतीसे कॉम्प्यूटर बंद किया.
'' क्या हूवा?" कमांड2 ने पुछा.
'" साला हम जितना सोच रहे थे उतना येडा नही है.... उसको शायद संदेह हूवा है'" कमांड1 ने कहा.
" मेल ब्लँक है ... इसका मतलब उसका पासवर्डभी ब्लँक होगा'" कमाड2ने अपना अनुमान लगाया.
"मि. कमांड2 ... इमेल पासवर्ड कभीभी ब्लँक नही होता'" कमांड1 अपने खास अंदाजमें कहा.
"" फिर ...तूमने इतनी तेजीसे कॉम्प्यूटर क्यों बंद किया?" कमांड2 ने उत्सुकतावश पुछा.
"'अरे, उसे अगर सहीमें संदेह हूवा होगा तो वह हमें ट्रेस करनेकी कोशीश जरुर करेगा'" कमांड2ने कहा.
"अच्छा अच्छा" कमांड2 उसे जैसे समझ गया ऐसा जताते हूए बोला.
कमांड1 व्हिस्कीका ग्लास लेकर अपने जगहसे उठ गया.
'' हमें यहाँ ऐसे खुलेमें नही बैठना चाहिए '' कमांड2ने अपनी चिंता जाहिर की.
"' ऐसा क्यों?'' कमांड1 ने व्हिस्कीका ग्लास हाथमें लेकर टहलते हूए कहा.
'' नही मैने सुना है की अमेरिकन सॅटेलाईटके कॅमेरे धरतीपर 10 बाय 10 इंच तक स्पष्ट रुपसे देख सकते है ... उसमें हम लोगभी दिख सकते है...'' कमांड2ने स्पष्ट किया.
कमांड1 टहलते हूए एकदम ठहाका लगाकर हसने लगा.
'' क्या हूवा '" कमांड2 उसके हसनेकी वजह समझ नही पा रहा था.
'" अरे, यह अमेरिकन लोग प्रोपॅगँन्डा करनेमें बहुत एक्सपर्ट है .. अगर वे 10 बाय 10 इंच तक स्पष्टतासे देख सकते है तो फिर वे उस ओसामा बीन लादेनको, जो की कितने दिनसे उनके नाकमें दम कर रहा है, उसे क्यों पकड नही पा रहे है? ... हां यह बात सही है की कुछ चिजोंमे अमेरिकन टेक्नॉलॉजीका कोई जवाब नही... लेकिन एक सच के साथ 10 झुठ जोडनेकी अमेरिकाकी पुरानी स्टाईल है... एक सच के साथ 10 झुठ जोडनेको क्या कहते है पता है? '"
" क्या कहते है?" कमांड2ने उत्सुकतासे पुछा.
" शुगरकोटींग ... तुझे पता है? ... दुसरे र्वल्ड वार के वक्त हिटलरकी फौज मरते दमतक क्यों लढी?"' कमांड1 ने पुछा.
कमांड2 कमांड1की तरफ असमंजस सा देखने लगा.
हिटलरने प्रोपॅगॅन्डा किया था की उनके फौजमें जल्दीही व्ही2 मिसाईल आनेवाला है... और अगर वह मिसाईल उनके फौजमें आता तो वे पुरी दुनियापर राज कर सकते थे'" कमांड1 ने कहा.
'' फिर क्या हूवा आगया क्या वह मिसाईल उनके फौजमें ?" कमांड2 ने पुछा.
'' जब व्ही2 नामकी कोई चिज होगी तो आएगी ना? ..." कमांड1 ने कहा.
अब कमांड1 कॉम्प्यूटर फिरसे शुरु करने लगा.
'' अब फिरसे क्यो शुरु कर रहे हो?... वह फिरसे हमें ट्रेस करेगा ना'" कमांड2 ने अपनी चिंता व्यक्त की.
'' नही ... अब शुरु करनेके बाद अपनेको अलग आय. पी. अॅड्रेस मिलेगा ... जिसकी वजहसे वह हमें ट्रेस नही कर पाएगा '" कमांड1 कॉम्प्यूटर शुरु होनेकी राह देखते हूए बोला.
कॉम्प्यूटर शुरू हूवा और मॉनिटरके दाएँ कॉर्नरमें मेल आनेका मेसेजभी आया.
"'बॉसकी मेल है '" मेल खोलते हूए कमांड1ने कहा.
उसने मेल खोली और पढने लगा.
"कमांड2..." कमांड1 ने आवाज दिया.
"' हां"
'' हमें अगले मिशनके बारेंमे आदेश मिल चूके है'' कमांड1 मेल पढते हूए बोला.
कमांड2 कमांड1 के कंधेपर झूककर मेलमें क्या लिखा है यह पढने की कोशीश करने लगा.
(to be contd...)
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